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तैयारीः कलियुग में त्रेतायुग के धरोहरों से साक्षात्कार कराएंगे स्वागत द्वार

आखिर कैसे साक्षात्कार कराएंगे ये स्वागत द्वार, किनके नाम पर बनाए गए हैं स्वागत द्वार, सरकार ने क्या की है तैयारी

अयोध्या। योगी सरकार के छठवें दिव्य दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने की कवायद जोर-शोर से जारी है। इस कवायद पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद ही नजर रख रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को देर शाम अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारी का विडियो कांफ्रेंसिग के जरिये समीक्षा की। उधर दीपोत्सव को ऐतिहासिक व भव्य बनाने के लिए राम परिवार, निषादराज और अहिल्या आदि के नाम पर द्वार बनाए गए हैं। ये स्वागत द्वार कलियुग में त्रेतायुग के धरोहरों से साक्षात्कार कराएंगे। इसका उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी के ज्ञान की वृद्धि करना भी है।

रामायणकालीन हैं स्वागत द्वार

रामायणकालीन 15 द्वार दीपोत्सव की आभा को चार-चांद लगाएंगे। द्वार निर्माण का काम पूरा हो चुका है। दीपोत्सव में रामायण कालीन द्वार से अयोध्या को सजाने की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौंपी गई है। सभी 15 द्वार प्रकाशयुक्त होंगे। इसके लिए पर्यटन विभाग की विशेष टीम ने सनबोर्ड तैयार किया है। इसमें लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। जब यह जलेंगे तो रामायण के प्रसंग इन बोर्डों पर इस तरह भव्यता बढ़ाएंगे कि मानों त्रेतायुग जीवंत हो रहा हो।

क्या कहते हैं अधिकारी

पर्यटन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि योगी सरकार अयोध्या की अलग पहचान बनाने का काम कर रही है। योगी सरकार के निर्देश पर भगवान राम के रामायण कालीन द्वार बनाए गए हैं। इससे लोग अयोध्या में प्रवेश करें तो उन्हें त्रेतायुग वाली दीपावली का एहसास हो।

दीपोत्सव में बने स्वागत द्वार

1-निषादराज द्वार

2-अहिल्या द्वार

3-राम द्वार

4-दशरथ द्वार

5-लक्ष्मण द्वार

6-सीता द्वार

7-रामसेतु द्वार

8-शबरी द्वार

9-हनुमान द्वार

10-भरत द्वार

11-लव कुश द्वार

12-सुग्रीव द्वार

13-जटायु द्वार

14-तुलसी द्वार

15-दीपोत्सव द्वार

इस प्रकार से कुल 15 द्वार बनाए गए हैं और 10 स्वागत द्वार बनाए गए हैं।

सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया

राम पैड़ी पर भगवान राम, सीता,  लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान की प्रतिमा के पास सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है। जब लंका से भगवान श्री राम अयोध्या वापस आए थे, ठीक उसी प्रकार का वैसा ही पुष्पक विमान का ग्राफिक्स भी बनाया गया है।

15 लाख दीप जलाने का लक्ष्य

छठवें दीपोत्सव पर अयोध्या में 15 लाख और अयोध्या जिले में 18 लाख दीप जलाने का लक्ष्य निर्धारित किया ग्या है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जोर-शोर सेे काम शुरू किया गया है। तैयारी का काम लगभग समाप्त हो चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद तैयारियों पर निगाह रख रहे हैं। दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस बार के दीपोत्सव में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए भी अयोध्या तैयार हो चुकी है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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