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आजम खां हुए जेल से रिहा, दोनों बेटों के साथ ही शिवपाल लेने पहुंचे

पूर्व विधायक के घर रुकने के बाद वे कड़ी सुरक्षा में रामपुर अपने घर के लिए रवाना हुए

सीतापुर। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जेल में बंद पूर्व मंत्री आजम खां को 89वे केस में बृहस्पतिवार को दी गई अंतरिम जमानत के बाद शुक्रवार की सुबह सीतापुर जेल से उन्हें रिहा कर दिया गया। जेल से आजम खां को लेने के लिए परिजनों के साथ ही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी पहुंचे। जेल से रिहा होकर आजम खां बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ पूर्व विधायक अनूप गुप्ता के घर पहुंचे। यहां आजम खां की पत्नी तंजीन फातिमा भी मौजूद थीं। यहां से आजम खां सीधे रामपुर अपने घर के लिए रवाना हो गए। उधर, किसी अप्रिय घटना से बचने और सुरक्षआ की दृष्टि से भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। जेल से रिहा होने के बाद आजम खां ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की।

आजम खां की रिहाई पर प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि आज न्याय की जीत हुई है। आजम खां हमारे साथी रहे हैं। उनके साथ जुल्म हुआ है। हमने नेताजी (उनके बड़े भाई मुलायम सिंह यादव) से सुख-दुःख में साथ रहना सीखा है।

दूसरी ओर, सीतापुर जेल से रिहा होने के बाद आजम खां पूर्व विधायक अनूप गुप्ता के घर से रामपुर के लिए रवाना हुए। अपनी रिहाई के बाद वे अनूप गुप्ता के घर रुके थे। करीब 40 मिनट तक अनूप गुप्ता के घर रुकने के बाद रामपुर अपने घर के लिए रवाना हुए। इस दौरान प्रशासन ने उनकी कड़ी सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की थी। उनके साथ दोनों बेटे भी मौजूद थे।

सपा के पूर्व विधायक अनूप गुप्ता ने आजम से मुलाकात के बाद कहा कि आजम खां मुझे देखने आए थे। उन्होंने मुझे अपना ख्याल रखने के लिए कहा। उनसे मेरी पारिवारिक बातचीत हुई। उन्होंने मेरे ही घर पर नाश्ता किया। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आजम का ख्याल रखने के लिए कहा था।

उन्होंने कहा कि आजम की बातों से उन्हें की नाराजगी नहीं लगी। जेल प्रशासन ने सपा के प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिलवाया।

लखनऊ से मिली जानकारी के अनुसार आजम खां की रिहाई पर अखिलेश यादव का ट्वीट कर उनका स्वागत किया। ट्वीट में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने न्याय को नए मानक दिए हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आजम खां सभी झूठे मामलों-मुकदमों में बाइज्जत बरी होंगे। झूठ के लम्हे होते हैं, सदियां नहीं।

आजम खां की सीतापुर जेल से रिहाई 36 महीने बाद हुई है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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