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किसान आंदोलनः महापड़ाव स्थल की बिजली काटी, खाना-पानी देने वालों को किया मना

किसानों ने दी पुलिस को चेतावनी, अपनी ओछी हरकतो से बाज़ आए पुलिस, महापड़ाव 47वें दिन भी जारी

ग्रेटर नोएडा। अखिल भारतीय किसान सभा के आह्वान पर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर चल रहे किसानों के महापड़ाव स्थल की बिजली काट दी गई है। जहां से खाना आता था वहां खाना देने से मना कर दिया गया है। पानी देने वाले को पानी देने से भी मना कर दिया गया है। उधर, किसानों का महापड़ाव आज 47वें दिन भी जारी रहा।

पुलिस को दी चेतावनी

किसानों के महापड़ाव के 47वें दिन का नेतृत्व संतराम भाटी ने किया। संचालन संदीप भाटी और सतीश यादव ने किया। महापड़ाव में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिलाध्यक्ष नरेंद्र भाटी ने आरोप लगाया कि अब पुलिस प्रशासन हद पार कर रहा है। उन्होंने किसानों के धरने से बिजली काटने का कार्य किया है। इसी के साथ ही जहां से किसानों का खाना आता था उसे जाकर धमकाने के साथ ही खाना जब्त कर लिया। जहां से पीने के लिए पानी आता था उसे भी पानी देने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह जनतांत्रिक अधिकरों पर गहरी चोट है। धरना देना हमारा संवैधानिक हक है। कोई भी सरकार हमसे हमारे हक को नहीं छीन सकती। यह उन लोगो का खाना पीना बंद करना चाहते हैं जो पूरी दुनिया को फसलें उगाकर खाना खिलाते हैं। उन्होंने पुलिस को चेतावनी दी कि वह ऐसी ओछी हरकतों से बाज आए।

13 जून को चंद्रशेखर रावण आएंगे

आजाद समाज पार्टी के रवीद्र भाटी ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण 13 जून को किसानों के बीच आएंगे और अपना समर्थन देंगे। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण किसानों पर अत्याचार कर रहा है। उनके हकों पर डाका डाला जा रहा है। किसान जिन मांगों को लेकर पिछले 47 दिनों से धरना दे रहे हैं वे मांगे 10 से 15 वर्षों से लंबित हैं। उनका अभी तक हल नहीं निकाला गया है।

जेल भेजकर चिन्गारी दिखाई

वेव सिटी प्रतिरोधक संघर्ष समिति के सुशील प्रधान ने कहा कि प्राधिकरण ने 33 किसानों को जेल भिजवाकर इस लड़ाई में चिन्गारी लगा दी है। इसका दुष्परिणाम इनको भुगतना पड़ेगा। अब इस क्षेत्र की महिलाओं ने लड़ाई का नेतृत्व करने की ठान ली है। वह पहली बार आंदोलन में रात को भी रुकने का कार्य कर रही हैं। अब हमें इस लड़ाई को जीतने से कोई नहीं रोक सकता।

जिले का मजदूर किसानों के साथ

सीटू के जिला अध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा ने किसानों को विश्वास दिलाया की जिले का मजदूर वर्ग किसानों की इस लड़ाई में उन के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है और जब तक यह लड़ाई जीती नही जाती किसानों को हर संभव सहयोग देगा।

पुलिस पर गांवों में जाकर धमकाने का आरोप

सिरसा गांव के प्रकाश प्रधान ने कहा कि पुलिस हमारे लोगों को घर-घर जाकर धमकाने और डराने का कार्य कर रही है। किसानों के ट्रैक्टरों को जप्त कर रही है।  हमारी गाड़ियां और धरने का अन्य सामान पुलिस ने जब्त किया हुआ है। बार-बार निवेदन करने के बावजूद हमें लौटा नहीं रहे।  लेकिन यह किसान हैं जो सुविधाओं के अभाव में भी पीछे नहीं हटने वाले, हम अपना हक लेकर ही अपने घर लौटेंगे।

महापड़ाव (धरने) पर जय जवान जय किसान मोर्चा के सुनील फौजी, भारतीय किसान अराजनीतिक के मनोज मास्टर, पथिक जनशक्ति पार्टी के विपिन खारी, सीटू नेता मुकेश कुमार राघव, जोगिंदर सैनी, माकपा नेता भीखू प्रसाद, किसान नेता हरेंद्र खारी, मास्टर रणवीर सिंह, अजय पाल भाटी, अजीत प्रधान, सुरेंद्र सुनपुरा, अशोक, अतवीर रिंकू प्रधान सुरेंद्र पंडित,अजय एडवोकेट किसान एकता संघ के मनेंद्र भाटी अरविंद प्रधान नरेंद्र नागर महकार फौजी प्रशांत भाटी मोहित नागर, जनवादी महिला समिति के नेता आशा यादव, रेखा चौहान, गुड़िया देवी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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