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Noida Big News: विभिन्न राज्यों व शिक्षण संस्थानों का बनाते थे जाली मार्कशीट व सनद, तीन को पुलिस ने किया गिरफ्तार

कौन हैं फर्जीवाड़ा का धंधा करने वाले लोग, क्या-क्या हुआ इनके पास से बरामद, कहां से हुए गिरफ्तार, बकायदा आफिस बनाकर करते थे यह काला धंधा

नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट थाना सेक्टर-63 नोएडा की पुलिस ने विभिन्न- शैक्षिक संस्थाओं के जाली मार्कशीट, सनद सहित अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस काले धंधे में लगे तीन शातिर आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार उनके पास से फर्जी मार्कशीट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट (टीसी) सहित कई आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद किए हैं।

कौन हैं जाली सर्टिफिकेट बनाने वाले लोग

थाना सेक्टर-63 नोएडा की पुलिस ने बहलोलपुर अंडरपास, सेक्टर-63 से थानचंद शर्मा निवासी बहलोलपुर, नोएडा, पुष्पेंद्र यादव निवासी गढ़ी चौखंडी, थाना फेस-3, नोएडा और गोविंद अग्रवाल मूल निवासी ग्राम व पोस्ट कारब, थाना महावन, जिला मथुरा वर्तमान निवासी जेड-97, सेक्टर-12, नोएडा को विभिन्न जाली शैक्षणिक प्रमाणों को बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया। तीनों आरोपी बकायदा बहलोल पुर में आफिस बनाकर यह काला धंधा कर रहे थे।

क्या हुआ आरोपियों के पास से बरामद

पुलिस ने आरोपियों के पास से विभिन्न शैक्षिक संस्थानों के 30 फर्जी मार्कशीट, 23 फर्जी माइग्रेशन सर्टिफिकेट (टीसी), 8 फर्जी एडमिट कार्ड, 13 फर्जी प्रमाण पत्र, 7 फर्जी चरित्र प्रमाण पत्र, 8 फर्जी मुहरें, इंकपैड, लैपटॉप, 2 प्रिंटर, 61 प्लेन सीट रंग हरा, 54 सफेद सीट, 2 पैमेंट मशीन (पीओएस मशीन), लैंडलाइन फोन, 9 एटीएम/डेबिट कार्ड, पीएनबी बैंक की पासबुक और दो कार बरामद की है। पुलिस का कहना है कि इन कारों का उपयोग आरोपी काले धंधे के कारोबार में करते थे।

कम समय में धनवान बनने के लिए उतर पड़े काले धंधे में

 

पकड़े आरोपी कम समय में अधिक से अधिक धन बटोरने की लालच में फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के बनाने के काले धंधे में उतर पड़े। वे विभिन्न राज्यों के विभिन्न महत्वपूर्ण संस्थानों की कूटरचित जाली मार्कशीट, प्रमाण पत्र (सनद), चरित्र प्रमाण पत्र, माइग्रेसन सर्टिफिकेट (टीसी) आदि शैक्षिक प्रमाण पत्र बनाने जैसे काले धंधों को अंजाम देने लगे। आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वे बेरोजगार, परीक्षा में फेल और नौकरी की आयु पार कर चुके लोगों के लिए फर्जी मार्कशीट सहित अन्य आवश्यक शैक्षिक प्रमाण पत्र बनाते हैं। वे अलग-अलग प्रान्तीय बोर्ड से संबंधित दिखाते थे। उनके द्वारा बनाई गई जाली मार्कशीट और अन्य महत्वपूर्ण शैक्षिक प्रमाण पत्र आदि में वे ग्राहक की इच्छानुसार उसकी आयु, प्राप्तांकों का विवरण, प्रतिशत और ग्रेड अंकित कर देते थे। इन फर्जी प्रमाण पत्रों और मार्कशीट आदि बनवाने वाले लोग इनका प्रयोग नौकरी हासिल करने तथा अन्य अपने स्वार्थ पूरा करने के काम में इस्तेमाल करते थे।

20 से 30 हजार रुपये वसूलते थे

आरोपी फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों को बनाने के बदले जरूरतमंद ग्राहकों से 20 से 30 हजार रुपये या ग्राहक की मजबूरी देखकर उसके हिसाब से रुपये वसूलते थे। बरामद पैमेंट मशीन (पीओएस मशीन) के जरिये भी वे ग्राहकों से इन फर्जी दस्तावेजों को बनाने के रुपये लेते थे। आरोपी बरामद उपकरणों का उपयोग फर्जी मार्कशीट, सनद आदि शैक्षिक प्रमाण पत्रों को बनाने में प्रयोग करते थे।

गोविंद पहले भी जा चुका है जेल

पकड़ा गया आरोपी गोविन्द अग्रवाल को उत्तर प्रदेश की एसटीएफ लखनऊ शाखा ने फर्जी मार्कशीट व अन्य महत्वपूर्ण शैक्षिक प्रमाण पत्रों बनाने के मामले में पहले भी थाना चिनहट कमिश्नरेट लखनऊ से जेल भेज चुकी है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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