उत्तर प्रदेश

शाहीन बाग का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने दाखिल की याचिका

दिल्ली। यहां के शाहीनबाग में अवैध बस्तियों को हटाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अवैध झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने याचिका दाखिल की। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण ने अवैध रूप से बनी झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने की योजना बनाई है। याचिका में कहा गया है कि 4 मई को संगम विहार में इमारतों पर बुलडोजर चलाया गया था। इसके पीछे ये बताया गया था कि ये इमारतें अवैध रूप से बनी हुई हैं। ओखला शाहीन बाग में भी ऐसा ही करने की योजना बनाई गई है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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