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शहर के गरीब लोगों को सरकार ने दी बड़ी राहत, मात्र पांच सौ देना होगा स्टांप शुल्क

निजी डेवलपरों की ईडब्ल्यूएस इकाइयों के पंजीयन में मिलेगा लाभ

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों को बड़ी राहत दी है। शहरों में निजी डेवलपरों की ईडब्ल्यूएस इकाइयों के पंजीयन में अब मात्र पांच सौ रुपये स्टांप शुल्क देना होगा। इससे भवनों के पंजीयन में आवेदकों की काफी अधिक धनराशि की बचत होगी। इसके अलावा सरकार ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर, कानपुर, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर और अन्य शहरों में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 2750 करोड़ रुपये दिए हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को बजट में तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक धनराशि प्रस्तावित की है। शहरों के सुव्यवस्थित विकास के साथ ट्रांसपोर्टेशन पर भी जोर दिया गया है। दुर्बल, अल्प, लघु और मध्यम आय वर्ग को अफोर्डेबल हाऊसिंग उपलब्ध कराने के लिए अफोर्डेबल हाऊसिंग उपविधि- 2021 जारी की गई है। इससे दुर्बल, अल्प, लघु और मध्यम आय वर्ग के व्यक्तियों को उनकी आर्थिक क्षमता के अनुरूप भवन उपलब्ध होंगे।

इसके अलावा लॉजिस्टिक्स पार्क और वेयर हाउसिंग के विकास पर जोर दिया है। आने वाले दिनों में प्रदेश लॉजिस्टिक्स पार्क और वेयर हाउसिंग का हब बनेगा। सरकार ने निजी लॉजिस्टिक्स पार्क और लॉजिस्टिक्स इकाइयों को भू उपयोग परिवर्तन शुल्क में 50 प्रतिशत छूट और विकास प्राधिकरणों की महायोजना क्षेत्र में लागू विकास शुल्क का 25 प्रतिशत भुगतान की छूट दी है। इससे प्रदेश में लॉजिस्टिक्स पार्क और वेयर हाउसिंग में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

धार्मिक आस्थाओं को भी दिया सम्मान

सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष में धार्मिक आस्थाओं को भी सम्मान दिया है। अयोध्या स्थित सूर्य कुण्ड के विकास सहित अयोध्या नगरी के सर्वांगीण विकास के लिए 140 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया है। इसके अलावा लखनऊ विकास क्षेत्र सहित प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों के विकास और नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 132 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

आरआरटीएस के लिए 1306 करोड़ रुपये प्रस्तावित

सरकार ने बजट में प्रदेश में निर्माणाधीन मेट्रो परियोजनाओं के अलावा नई परियोजनाओं के लिए भी 2750 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित किया है। सर्वाधिक दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए 1306 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है। ऐसे ही कानपुर मेट्रो रेल परियोजना की लागत 11,076 करोड़ रुपये है और इस वित्त वर्ष में 747 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं। आगरा मेट्रो रेल परियोजना की लागत 8380 करोड़ रुपये है और 597 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है। इसके अलावा वाराणसी, गोरखपुर सहित अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना के लिए सौ करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए हैं।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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