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राहतः जीएसटी के छापों पर राज्य सरकार ने 72 घंटे की रोक लगाई

विभिन्न व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल सत्तापक्ष के नेताओं, विधायकों और सांसदों से मिलकर छापों को रोकने की गुहार लगाई थी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विभाग विभाग की छापेमारी पर तीन दिनों (72 घंटे) के लिए रोक लगा दी है। जीएसटी के छापों के कारण पूरे प्रदेश में व्यापारियों में आक्रोश व्याप्त था। व्यापारियों का कई प्रतिनिधिमंडल राजनेताओं से मिलकर छापों को बंद करने की गुहार लगाई थी।

व्यापारियों में था आक्रोश

राज्य सरकार के आदेश पर प्रदेश के 71 जिलों में जीएसटी 248 टीमें जीएसटी की चोरी की आशंका में पिछले कई दिनों से विभिन्न व्यापारिक प्रतिष्ठानों में छापे मार रही थी। इस छापेमारी के दौरान जीएसटी की टीम में शामिल अधिकारी प्रतिष्ठानों के क्रय-विक्रय सहित अन्य कागजातों की जांच कर रहे थे। वे जीएसटी की चोरी की पकड़ में आने पर लाखों का जुर्माना लगा रहे थे। कई प्रतिष्ठानों में ये चोरी पकड़ में आई भी थी।

जीएसटी की इस छापेमारी से कई जिलों में व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बंद कर गायब हो गए थे। इसका उनके कारोबार पर काफी विपरीत असर पड़ रहा था। इसका असर व्यापारी नेताओं पर पड़ा। कई व्यापारी नेताओं के नेतृत्व में व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, जिलों में स्थित विधानसभा क्षेत्रों के सत्तापक्ष के विधायकों, सांसदों, संबंधित अधिकारियों आदि से मिलकर जीएसटी के छापों को बंद करने की गुहार लगाई थी। सभी ने नेताओं और संबंधित अधिकारियों ने व्यापारी प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया था कि किसी भी व्यापारी का उत्पीड़न नहीं किया जाएगा।

व्यापारियों में खुशी की लहर

ऐसे समझा जाता है कि सत्तापक्ष के नेताओं, विधायकों व सांसदों के अनुरोध पर राज्य सरकार ने जीएसटी के छापों पर फिलहाल रोक लगा दी है। इस रोक से व्यापारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। जिन प्रतिष्ठानों को बंद कर व्यापारी गायब हो गए थे वे अब धीरे-धीरे खुल रहे हैं। बाजारों की रौनक अब लौटने लगी है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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