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उत्तर प्रदेशनोएडा

भारत में बढ़ रहे आत्महत्या के मामले, जानिये कारण

आज कल छोटी छोटी बात पर युवा और बच्चे आत्महत्या के लिए तैयार हो जा रहे है। आए दिन आत्महत्या के मामले सामने आते रहते है। भारत के बच्चे और युवा कमजोर होते जा रहे है। जानिए ऐसा क्यों हो रहा है।

नोएडा: आत्महत्या के मामले बढ़ने का सबसे बड़ा कारण बदलती संस्कृति है। लोग आधुनिकता की तरफ इतना बढ़ते जा रहे है की अपने स्वास्थ्य के बारे में भूल गए है। आगे बढ़ने की दौड़ में मानसिक बीमारियों से ग्रस्त होते जा रहे है। भारत का युवा इतना कमजोर हो गया है की वह परेशानियों से लड़ने की जगह आत्महत्या करना आसान समज रहा है। वह आत्महत्या करते समय ये भी नहीं सोचता उसके बाद उसके परिजनों का क्या होगा। नयी रिपोर्ट से पता चला है युवाओं के साथ साथ छोटे छोटे बच्चे भी आत्महत्या करने की कोशिश कर रहे है पिछले कुछ सालो में ऐसे बहुत सारे मामले सामने आए जिसमे छोटे बच्चों ने आत्महत्या करने की कोशिश की या उन्होंने आत्महत्या कर ली है ऐसे ही कुछ मामलो के बारे में बताते है। एक किशोर ने सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि उसके पिता ने उसके बाल जबरन कटवा दिए थे। एक और मामला सामने आया जिसमे एक किशोरी ने सिर्फ इसलिएआत्महत्या का कदम उठाया क्योंकि उसकी माँ ने उसे खाना समय पे बनाने के लिए डाट दिया था। एक और किशोर ने आत्महत्या इसलिए की क्योंकि उसके परिजनों ने उसे मोबाइल में गेम खेलने के लिए डांट दिया था।
विशेषज्ञो ने बताया की बच्चो का दिमाग समय से पहले ही विक्षित हो रहा है। बच्चे बचपन में ही इतने आधुनिक होते जा रहे है उन्हें बिचार भी उनकी उम्र से बड़े आने लगे है। आज कल का माहौल ऐसा हो गया है खान पान बदल गया है बच्चे अपना बचपना जीने की वजह बड़ो जैसे काम करने लगे है छोटे छोटे बच्चो में क्रोध चिड़चिड़ा पन बढ़ गया है। बच्चो में तनाव होने लगा है। अगर आप चाहते है आपका बच्चा सुरक्षित रहे तो आपको अपने बच्चो के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाने होंगे आपको घर में ऐसा माहौल बनाना होगा जिससे बच्चे अपनी बाते आपको बता सके ये जानना होगा बच्चा किसी तनाव में तो नहीं है।
आज के युवा को भी समझना होगा हर समस्या का समाधान होता है। आज कल युवा आगे भड़ने की दौड़ में इतना ज्यादा परेशान हो जाता है वो आत्महत्या करना आसान समज लेता है। युवाओं को अपनी समस्या अपने दोस्तों अपने परिजनों के साथ बाटनी होगी। और परेशानियों का समाधान करना होगा।

 

 

Monika Singh

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