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हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: रणजीत हत्याकांड के मामले मे डेरा राम रहीम बरी, हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को किया रद्द

नोएडा न्यूज : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम के लिए राहत की खबर है. डेरे के पूर्व मैनेजर रणजीत हत्याकांड मामले में डेरा मुखी को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत है। हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है। इस मामले में डेरा मुखी सहित 5 दोषियों को बरी किया गया।
जानकारी के अनुसार, 22 साल पुराना यह मामला है, सिरसा डेरा के प्रबंधक रहे रणजीत सिंह को 10 जुलाई 2002 की शाम को गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। 2003 में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। जांच के बाद सीबीआई ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

डेरे का प्रबंधक था रणजीत सिंह
दरअसल, 22 साल पुराना यह मामला है, 10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। उसके बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया था और फिलहाल, अक्तूबर 2021 में डेरा मुखी सहित पांच आरोपियों को दोषी करार दिया गया था।

गुमनाम चिट्ठी का सच
ये वही गुमनाम चिट्ठी है जिसे सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने सांध्य कालीन समाचार पत्र ‘पूरा सच’में छापा। जिसकी वजह से 24 अक्तूबर 2002 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति पर हमला कर उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया गया था। 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में रामचंद्र की मौत हो गई थी।

2003 में सीबीआई को सौंपी गई थी जांच
इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे। हालांकि, शुरूआत में इस मामले में रामरहीम का नाम नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच सीबीआई को सौंपी गई। इसके बाद 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को आरोपियों में शामिल किया गया।

इस मामले में हाईकोर्ट की तरफ से सजा रद्द करने के बाद भी डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह जेल में ही रहेगा। क्योंकि दो साध्वियों के यौन शोषण मामले में उसे 20 साल और छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है, जिसे वह काट रहा है। राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को पंचकूला की सीबीआई की विशेष अदालत ने इन मामलों में दोषी करार दिया था।

Aashish Gupta

आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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