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उत्तर प्रदेशलखनऊ

मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय टीम-9 को दिए दिशा-निर्देश

कहा, ट्रैक, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण की नीति काफी कारगर साबित हुई

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ अपनी उच्च स्तरीय टीम को कोरोना पर पूरी तरह से नियंत्रण के लिए कई दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि  ट्रैक, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण की नीति काफी कारगर साबित हुई है। इस नीति के क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश में कोविड पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में 1097 एक्टिव केस हैं। पिछले 24 घंटे में पूरे प्रदेश में 138 नए केस की पुष्टि हुई। इनमें गौतमबुद्ध नगर में 70, गाजियाबाद में 20, लखनऊ में 11 नए केस शामिल हैं। इसी अवधि में 186 लोग स्वस्थ भी हुए। जिन जिलों में केस अधिक मिल रहे हैं वहां सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाया जाना अनिवार्य है। इसे लागू कराएं। लोगों को जागरूक करें। पॉजिटिव पाए गए लोगों के स्वास्थ्य पर सतत नजर रखें।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोविड टीके की 32 करोड़ से अधिक डोज लगाई जा चुकी है। जबकि 11 करोड़ 29 लाख से अधिक कोविड टेस्ट भी किए जा चुके हैं। 18 वर्ष से अधिक आयु की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक डोज लग चुकी है, जबकि 90.53 प्रतिशत वयस्क लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है। 15 से 17 आयु वर्ग में 96.24 प्रतिशत से अधिक किशोरों को पहली खुराक मिल चुकी है और 71.67 प्रतिशत किशोरों को दोनों डोज लग चुकी है। 12 से 14 आयु वर्ग में 75.20 प्रतिशत से अधिक बच्चे टीका कवर पा चुके हैं। इन्हें दूसरा डोज लगाया जाना भी शुरू हो चुका है। कई जिलो में बच्चों के टीकाकरण और वयस्कों के बूस्टर डोज लगाए जाने को और तेज किए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस संचालन से जुड़े कार्मिकों के विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है। पीड़ित या घायल लोगों के साथ अतिरिक्त संवेदनशीलता बरती जानी चाहिए। एम्बुलेंस के रेस्पॉन्स टाइम को कम से कम करने के लिए तकनीक का सहारा लिया जा सकता है। वॉलंटियर्स को भी इस कार्य से जोड़ना होगा।

उन्होंने कहा कि सभी बहुमंजिला भवनों, अस्पतालों, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स आदि में अग्निशमन व्यवस्थाओं का सघन निरीक्षण किया जाए। पूरे प्रदेश में तत्काल अभियान चलाकर यह कार्य किया जाए। सभी फायर स्टेशन पूरी मुस्तैदी से कार्यरत रहें।

उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के व्यापक महत्व को देखते हुए पुलिस, यातायात, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, परिवहन, नगर विकास, लोनिवि आदि संबंधित विभागों के परस्पर समन्वय के साथ जागरूकता अभियान की कार्ययोजना तैयार की जाए। 18 मई को इस कार्ययोजना के साथ प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ संवाद होगा। इसके बाद सड़क सुरक्षा अभियान शुरू होगा।

उन्होंने कहा कि  बेसिक और माध्यमिक स्कूलों में बच्चों को यातायात नियमों के पालन के लिए विशेष प्रयास किए जाने की जरूरत है। ट्रैफिक नियमों के पालन का संस्कार बच्चों को शुरुआत से ही दी जानी चाहिए। यातायात नियमों के संबंध में प्रधानाचार्यों, प्राचार्यों, विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कराया जाए। अभिभावकों के साथ भी विद्यालयों में बैठक हो। स्कूली बच्चों द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए प्रभात फेरी निकाली जानी चाहिए। लोगों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी देने के साथ ही उनका पालन करने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों पर स्पीड ब्रेकर की खराब डिजाइन आए दिन दुर्घटनाओं का कारक बनती है। इस दिशा में विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। फिटनेस के मानकों पर फेल बसों को किसी भी दशा में सड़क पर न चलने दिया जाए।

उन्होंने कहा कि अगले महीने तीन जून को 75 हजार करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं के साथ प्रदेश में तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी होने जा रही है। आयोजन की सभी तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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