उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरग्रेटर नोएडादिल्लीनोएडानोएडा वेस्ट

उप्र सरकार को सुप्रीम झटका : मदरसों को बंद करने की कारवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मदरसों को बड़ी राहत देते हुए गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की मान्यता वापस लेने और छात्रों को सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित करने से संबंधित बाल राष्ट्रीय अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से जारी पत्र पर अमल करने पर केंद्र और राज्य सरकारों को रोक लगाने का आदेश दिया है। आयोग के पत्र में राज्यों से गैर मान्यता-प्राप्त मदरसों के छात्रों को सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित करने को कहा गया था।
उलेमा-ए-हिंद ने दायर की थी याचिका
-मुख्य न्यायाधीश डीवी चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पार्दीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने जमीयत उलेमा-हिंद की याचिका पर आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने दलील देते हुए राष्ट्रीय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पत्र पर उत्तर प्रदेश तथा त्रिपुरा सहित कुछ राज्यों की मदरसे से संबंधित इस कारवाई पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी।
आरटीई का पालन न करने पर मान्यता वापस लेने को कहा था
मुस्लिम संगठन ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार और त्रिपुरा सरकारों की उस कारवी को चुनौतू दी है,जिसमें गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के छात्रों को सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया है। एननपीसीआर ने 7जून2024 को उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर निर्देश दिया कि आरटीई अधिनियम का पालन न करने वाले मदरसों की मान्यता वापस ली जाए। समाचार एजेंसी यूएनआइ की रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष अदालत ने संबंधित पक्षों की दलील सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि एनपीपीआर के 07 जून 2024 और 25 जून के पत्राचार तथा उनके अनुसार, उत्तर प्रदेशके मुख्य. सचिव के 26 जून के और भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के शिक्षा एवं साक्षारसा विभाग के सचिवद्वारा जारी 10 जुली तथा त्रिपुरा सरकार द्वारा जारी 28 अगस्त के विचारों के आदान-प्रदान पर कारवाई नहीं की गई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को याचिका में सभी राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों को पक्षकारा बनाने की स्वतंत्रता दी है।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Tags

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Related Articles

Back to top button
Close