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उत्तर प्रदेशलखनऊ

जितेंद्र सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी की शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड की सदस्यता रद

शासन के आदेश में दी गई यह जानकारी, चुनाव में जीत से बने थे बोर्ड के सदस्य

लखनऊ। वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र सिंह त्यागी की शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड की सदस्यता रद कर दी गई है। वसीम रिजवी कुछ महीनों पहले धर्म परिवर्तन कर जितेंद्र सिंह त्यागी बन गए थे।

जितेंद्र सिंह त्यागी उर्फ वसीम की बोर्ड की सदस्यता रद करने की जानकारी शासन द्वारा जारी आदेश में दी गई है।

ज्ञात रहे धर्म परिवर्तन करने से पहले शिया वक़्फ़ बोर्ड का चुनाव वसीम ने सदयस्ता के लिया लड़ा था। वे 21 वोट पाकर चुनाव जीत गए थे और बोर्ड के सदस्य निर्वाचित हुए थे।

वसीम करीब 15 साल तक बोर्ड के चैयरमैन रहे।

वक़्फ़ की जमीनों के खुर्द-बुर्द करने के मामले वसीम पर चल रहे हैं। इसकी जांच सीबीआई कर रही है।

गौरतलब है कि वसीम रिजवी के धर्म परिवर्तन कर लेने के बाद शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने उनके आवास को वापस लेकर उन्हें बेदखल कर दिया था। क्यों कि वह आवास शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। उनका लखनऊ में अब कोई निजी आवास नहीं रह गया है। आवास से बेदखल होने के बाद उन्होंने लखनऊ के फुटपाथ पर सोने की घोषणा पिछले दिनों की थी। वे बोरिया बिस्तर लेकर फुटपाथ पर सोने पहुंचे भी थे।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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