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एडवेंचर ट्यूरिज्म हबः उत्तर प्रदेश में लें गोवा, केरल और उड़ीसा का मजा

उप्र बनेगा, एडवेंचर ट्यूरिज्म का हब, वाराणसी, गोरखपुर बन रहे वाटर स्पोर्ट्स के केंद्र

लखनऊ। रोमांचक पर्यटकों के शौकीन लोगों के लिए खुशखबरी है। ऐसे लोगों को अब वाटर स्पोर्ट्स और इससे जुड़े एडवेंचर (रोमांच) संबंधित गतिविधियों के लिए समय और संसाधन खर्च कर गोवा, केरल और उड़ीसा के समुद्र तट पर जाने की जरूरत नहीं पडेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय वाराणसी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिला गोरखपुर के ऐतिहासिक रामगढ़ ताल में ही वाटर स्पोर्ट्स और एडवेंचर से जुड़ी चीजें उपलब्ध हैं। इनका लगातार विस्तार भी किया जा रहा है।

वाराणसी में बढ़ गए पर्यटक

मसलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कुछ साल पहले शुरू हुई देश की पहली जल परिवहन परियोजना ‘क्रूज सेवा’ के बाद से स्पीड बोट्स, पैरा मोटर्स, बंपी राइड, डेजर्ट बाइक, पैरा सेलिंग, बनाना राइड जैसे वाटर स्पोर्ट्स की भी सुविधाएं उपलब्ध हैं।  काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के सुंदरीकरण और इन गतिविधियों के कारण हाल के वर्षों में बाबा विश्वनाथ की नगरी को लेकर देश-दुनियां के सैलानियों का आकर्षण और बढ़ा है। यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि इसका प्रमाण है।

गोरखपुर में वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स

पूर्वी उत्तर प्रदेश में एडवेंचरस वाटर स्पोर्ट्स की काफी सम्भावनाएं थीं लेकिन पहली बार इन संभावनाओं को पर्यटन, विकास और रोजगार से जोड़ने का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है। दशकों त उपेक्षित रहे गोरखपुर के रामगढ़ ताल को पूर्वी उत्तर प्रदेश का सर्वाधिक खूबसूरत स्थान बनाने के साथ ही योगी सरकार ने ताल के किनारे विश्व स्तरीय वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाया है। यहां एडवेंचरस वाटर स्पोर्ट्स का लुत्फ उठाने के साथ अंतरराष्ट्रीय जलक्रीड़ा प्रतियोगिताओं के लिए प्रशिक्षण भी लिया जा सकेगा। इतना ही नहीं चंद रोज पूर्व इस ताल में कयाकिंग भी शुरू करा दी गई है। कयाकिंग की सुविधा अभी तक गोवा, मुंबई व केरल आदि जैसे समुद्र तटीय जगहों पर मिलती थी। गोरखपुर के रामगढ़ ताल में कयाकिंग का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

इसी तरह गोरखपुर के रामगढ़ ताल में साउंड एंड लाइट शो, डबल डेकर बोट, कयाकिंग, लेक व्यू पॉइंट की सुविधाए पहले से ही उपलब्ध हैं। शीघ्र ही क्रूज और फ्लोटिंग रेस्टोरेंट भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। यही नहीं आने वाले समय मे रामगढ़ ताल से वाराणसी और प्रयागराज के लिए सी प्लेन सेवा भी शुरू होगी।

पर्यटन के लिहाज से असीम संभावनाएं

एडवेंचर कमोवेश हर व्यक्ति के स्वभाव में होता है। अधिकांश युवा तो एडवेंचर के प्रति क्रेजी होते हैं। ऐसे में अगर पर्यटन को एडवेंचर से जोड़ दें तो पर्यटन के लिहाज से असीम संभावनाओं वाले उत्तर प्रदेश की संभावनाओं में और विस्तार हो जाएगा। देशी-विदेशी सैलानियों का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल बनाने के क्रम यूपी को एडवेंचर टूरिज्म का हब भी बनाएगी।

हेलीपोर्ट एवं रोपवे के जरिए एडवेंचर टूरिज्म का दायरा बढ़ा रही सरकार

हेलीपोर्ट या रोपवे सेवा का विस्तार, गोरखपुर में सरकारी क्षेत्र का पहला वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, नौसेना पोत आईएनएस गोमती को लखनऊ लाने का निर्णय, ब्रज क्षेत्र में कार रैली का आयोजन एडवेंचर टूरिज्म को आगे बढ़ाने के प्रयास का हिस्सा है। पर्यटकों को सुविधाओं के साथ रोमांच का अहसास कराने के लिए योगी सरकार की योजना प्रदेश के प्रमुख शहरों (आगरा, मथुरा, लखनऊ और प्रयागराज) में  हेलीपोर्ट एवं विंध्याचल, चित्रकूट के बाद बरसाना और प्रयागराज से भी रोपवे सेवा शुरू करने की है। मथुरा एवं आगरा में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर हेलीपोर्ट संचालन की प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है। बाकी शहरों में यह सेवा चरणबद्ध तरीके से शुरू की जाएगी। आसमान से चंद मिनट में अपने मनपसंद पर्यटन स्थल को देखना वाकई में अद्भुत और रोमांचकारी होता है। हेलीपोर्ट एवं रोपवे सेवा यकीनन एडवेंचर टूरिज़म को बढ़ावा देगी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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