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Noida: नकली और मिलावट से अछूती नहीं रही आयुर्वेदिक दवाएं, नोएडा में 32 मेडिसिन की बिक्री पर रोक

नोएडा : मिलावट की बीमारी अब आयुर्वेदिक दवाओं में भी मिलने लगी है। शासन स्तर से हुई जांच में आयुर्वेद की दस दवाएं नकली मिली हैं। साथ ही 22 में एलोपैथिक दवाओं की मिलावट पाई गई है। गौतमबुद्ध नगर में 32 आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी ने बताया शासन की ओर से इन दवाओं की बिक्री रोकने का निर्देश दिया गया है। इस पर विभाग द्वारा छापेमारी जारी है।

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी गौतम बुध्द नगर धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि शासन को वर्ष 2022 से अब तक लगातार मिल रही शिकायतों और सूचनाओं के आधार पर विभिन्न जनपदों में समय-समय पर क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियों के द्वारा स्थानीय प्रशासन के सहयोग से आयुर्वेदिक औषधि फार्मेसी और विक्रेताओं का निरीक्षण करते हुए सैंपल एकत्रित किए थे. यह सैंपल सीतापुर, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, लखनऊ, वाराणसी, लखीमपुर खीरी, गौतम बुध नगर और कानपुर से दिए गए थे. इन सैंपल को गवर्नमेंट एनालिस्ट आयुर्वैदिक एंड युनानी मेडिसिन ट्रेनिंग लैबोरेट्री को भेजा गया था. इसमें से कुछ दावा मिलावटी पाई गई और कुछ दवा नकली निकली।

इनमें ऑर्थोनिल, योगी केयर, झंडू लालिमा, हाइपावर मूसली, हेपलिव और लिव-52 सीरप जैसी दवाएं शामिल है। मंडूर भस्म व दारुहरिद्रा का मिश्रण मानक के अनुरूप नहीं पाया गया। मानक विरुद्ध पाई गई दवाओं में प्रेडनिसोलोन व बीटामेथासोन नामक स्टेरायड, आइबोप्रोफेन व डाइक्लोफिनेक नामक दर्द निवारक, ग्लीम्पैराइड नामक मधुमेह की दवा व सिलिडिनाफिल नामक यौन उत्तेजना की दवा का मिलावट पाया गया है।

औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम 1940 के धारा 33 का संज्ञान लेते हुए की गई है. औषधि प्रसाधन अधिनियम एवं औषधि प्रसाधन नियमावली में संगत प्रावधानों के उल्लंघन पर ऐसी गलत औषधियों को जब्त करने उन्हें नष्ट करने के साथ-साथ सम्बंधित फर्मों, व्यक्तियों के विरूद्ध मुकदमा दायर करने को क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी कार्यालय ने आदेश जारी किया है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने बताया शासन की ओर से इन दवाओं की बिक्री रोकने का निर्देश दिया गया है। इस पर विभाग द्वारा छापेमारी जारी है।

Aashish Gupta

आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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